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विद्यार्थियों को जैविक खेती एवं एकीकृत कृषि प्रणाली का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

 

कटनी। शासकीय महाविद्यालय विजय राघव गढ़ मैं व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को प्राचार्या डॉ सुषमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह एवं डॉ सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जैविक खेती एक ऐसी पद्धति है जिसमें रासायनिक खाद कीटनाशक तथा खरपतवार नाशक के स्थान पर ग्राम में उपलब्ध संसाधनों से जीवांश खाद जैविक खाद गोबर कंपोस्ट केंचुआ खाद हरी खाद जैव उर्वरक कल्चर तथा जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जाता है जिससे न केवल भूमि की उर्वरा शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है बल्किपर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता तथा कृषि लागत घटने व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने से कृषक को अधिक लाभ प्राप्त होता है। पर्यावरण जल एवं वायु की शुद्धता भूमि का प्राकृतिक स्वरूप बनाने वाली जलधारण क्षमता बढ़ाने वावालीजैविक खेती कीपद्धति है। एकीकृत कृषि प्रणाली के अंतर्गत कृषि के विभिन्न घटक फसल उत्पादन पशुपालन फल एवं सब्जी उत्पादन मछली पालन मुर्गी पालन मधुमक्खी पालन वानिकी फूल उत्पादन औषधि खेती में उत्पादन प्राप्त करने आय में वृद्धि होती है। एकीकत कृषि प्रणाली के घटक एवं लाभ की तकनीकी जानकारी दी गई।

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