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MP के रायसेन जिले में सहकारिता विभाग के अधिकारियों पर डेढ़ करोड़ के गबन का आरोप

रायसेन जिले में सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने किया डेढ़ करोड़ रुपये का गबन

भोपाल। मध्य प्रदेश MP के रायसेन जिले में सहकारिता विभाग में डेढ़ करोड़ के घोटाले का मामला सामने आया है। 

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और सहकारी समितियों में अनियमितता के मामले सामने के बाद अब सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा एक करोड़ रुपये से अधिक का गबन करने का प्रकरण सामने आया है। रायसेन जिले की विपणन सहकारी समिति, उदयपुरा की आधा हेक्टेयर से अधिक भूमि का राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए अधिग्रहण से मिली राशि में अनियमितता की। 17 लाख रुपये में खरीदी भूमि को एक करोड़ रुपये से अधिक में खरीदना बताकर राशि मिलकर बांट ली।

मामले में प्रशासक और प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। वहीं, तत्कालीन उपायुक्त मीना डाबर और आडिट अधिकारी नारायण सिंह हाड़ा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 के लिए विपणन सहकारी संस्था, उदयपुरा की आधा हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया था।

इसके लिए एक करोड़ 53 लाख रुपये संस्था को मिले। इस राशि से 17 लाख रुपये में दूसरी जगह भूमि खरीदी गई और इसे एक करोड़ रुपये से अधिक का बताया गया। साथ ही 70 वर्ष कर्मचारी के वेतन के नाम पर 18 लाख रुपये व्यय होना बताया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त सहकारिता नरेश पाल ने जांच कराई और इसमें गड़बड़ी प्रमाणित पाई गई। प्रारंभिक जांच में इस अनियमितता के लिए तत्कालीन उपायुक्त मीना डाबर, संस्था के प्रशासक नारायण सिंह हाड़ा और प्रबंधक रामबाबू शर्मा को दोषी पाया गया है। विभागीय स्तर पर जांच भी प्रारंभ हो गई है। अब इन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

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