मोदी बोडो समझौते के जश्न में शामिल हुए, बोले- जिनका बेटा कभी बंदूक लेकर घूमता था, आज वो माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं

मोदी बोडो समझौते के जश्न में शामिल हुए, बोले- जिनका बेटा कभी बंदूक लेकर घूमता था, आज वो माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं

गुवाहाटी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो समझौते और 
सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शनों के बाद शुक्रवार को पहली बार असम के दौरे पर पहुंचे। वे बोडो बाहुल्य कोकराझार में समझौते के जश्न में शामिल हुए। उन्होंने रैली में कहा कि यहां की माताओं का प्यार मुझे डंडे मारने की बात करने वाले से सुरक्षा कवच देगा। दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस नता राहुल गांधी ने दिल्ली में हुई चुनावी रैली में मोदी को डंडे मारने वाला बयान दिया था। इसी पर मोदी ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा- कभी-कभी लोग मुझे डंडा मारने की बातें करते हैं। लेकिन जिस मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो, उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं उसे कुछ नहीं हो सकता।प्रधानमंत्री के भाषण की अहम बातें…
  • ”मैंने जीवन में कई रैलियां देखी हैं, लेकिन कभी इतना विशाल जनसागर देखने का सौभाग्य नहीं मिला। आपकी तादाद देखकर मेरा विश्वास और बढ़ गया। मैं दिल की गहराई से आपको गले लगाने आया हूं। असम में इतने दशकों तक यहां गोलियां चलती रहीं, आज शांति स्थापित हुई। न्यू इंडिया का रास्ता खुल गया है। शांति और विकास के नए अध्याय में आपका स्वागत करता हूं।”
  • ”कल पूरे देश ने देखा है कि किस प्रकार से गांव-गांव आपने मोटरसाइकिल रैलियां निकालीं, पूरे क्षेत्र में दीप जलाकर दिवाली मनाई। आज का दिन उन हजारों शहीदों को याद करने का है, जिन्होंने देश के लिए अपने कर्तव्य पथ पर जीवन बलिदान दिया है। बोडोफा, उपेंद्रनाथ और रूपनाथ ब्रह्मजी के योगदान को याद करने का है। इस समझौते में सकरात्मक भूमिका निभाने वाले बोडो स्टूडेंट्स यूनियन के अभिनंदन का दिन है।”
  • ”आपके सहयोग से ही स्थायी शांति का रास्ता निकल पाया है। आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत और नए सवेरे का एक नई प्रेरणा का स्वागत करने का अवसर है। आज का दिन संकल्प लेने का है कि विकास और विश्वास की मुख्यधारा को मजबूत करना है। अब इस धरती पर किसी मां के बेटे-बेटी किसी बहन-भाई का खून नहीं गिरेगा। हिंसा नहीं होगी।”
  • ”आज वो माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, जिनका बेटा कभी बंदूक लेकर घूमता था। मैं न्यू इंडिया के नए संकल्प में शांत असम और पूर्वोत्तर का दिल से स्वागत करता हूं। महात्मा गांधी दुनिया के लिए हिंसा का रास्ता छोड़कर अहिंसा का रास्ता अपनाने की प्रेरणा है। गांधीजी कहते थे कि अहिंसा की राह पर चलते हुए, हमें जो भी प्राप्त होता है वो सभी को स्वीकर होता है। असम में शांति के साथ लोकतंत्र को स्वीकार किया है।”
  • ”आज बोडो आंदोलन से जुड़ी हर मांग समाप्त हो चुकी है। 1993 में जो समझौता हुआ था, उसके बाद पूरी शांति स्थापित नहीं हो पाई। अब केंद्र, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस अकॉर्ड पर साइन किया है वह अभूतपूर्व है। साथियों मुझ पर भरोसा करना, मैं आपका हूं। असम समेत पूरा हिंदुस्तान आपके दिल को जीत लेगा, क्योंकि आपने रास्ता सही चुना है।”
  • मोदी ने गुरुवार को ट्वीट में बोडो समझौते का जिक्र कर लिखा- अब असम में शांति और विकास का नया रास्ता खुल गया है। पिछले दिनों असम सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय और प्रतिबंधित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के बीच दिल्ली में तिहरा समझौता हुआ था। इसके तहत 1500 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पिछले 50 सालों में हुए संघर्ष के दौरान 4 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई।
  • ‘‘अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा 6 को भी जल्द लागू किया जाए। इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी। अनेक सालों से असम की जो बात अटकी-लटकी पड़ी थी, उसको भी हम पूरा कर के रहेंगे। आज जब बोडो क्षेत्र में नई उम्मीदों, नए हौसलों का संचार हुआ है, तो आप सबकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।’’
  • ‘‘जिस नॉर्थईस्ट में उद्यमी निवेश के लिए तैयार नहीं होता था, वहां नए उद्यम शुरू हुए हैं। जिस नॉर्थईस्ट में अलग होमलैंड को लेकर लड़ाई होती थी, वहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत का नारा बुलंद हो रहा है। यहां लोगों को पूरे सम्मान और मर्यादा के साथ बसने की पूरा छूट दी जा रही है। नॉर्थईस्ट में अब लोग पर्यटन के लिए आना चाह रहे हैं।’’
  • ‘‘पहले दिल्ली को नॉर्थईस्ट से दूर समझा जाता था। लेकिन अब दिल्ली आपके दरवाजे पर खड़ी है। मैं खुद दिल्ली से संदेश नहीं दे रहा। बल्कि आपके सामने आंखों से आंखें मिलाकर बात कर रहा हूं। हमारे साथियों ने प्रयास किया कि वो ज्यादा से ज्यादा समय यहां बिताएं, उनकी समस्याएं सुलझाएं। मेरी सरकारें आपके बीच आकर समस्याओं को जान रहे हैं। आपसे फीडबैक लेकर समस्याएं जान रहे हैं।’’

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