बालाघाट: मां की कोरोना से मौत, भाई रहते हैं बाहर, दो सगी बहनों ने अवसाद में लगा ली फांसी !

नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 बूढ़ी के हनुमान मंदिर के पीछे एक घर में दो बहनों के शव फांसी पर लटके मिले।

नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 बूढ़ी के हनुमान मंदिर के पीछे एक घर में दो बहनों के शव फांसी पर लटके मिले। वहीं शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एडीएसपी गौतम सोलंकी और सीएसपी कर्णिक श्रीवास्तव की मौजूदगी में कोतवाली पुलिस ने शव बरामद कर पंचनामा की कार्रवाई के बाद जिला चिकित्सालय भेजा। मृतक बहनों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। वहीं संभावना जताई जा रही है कि अवसाद और तनाव के चलते दोनों बहनों ने यह कदम उठाया है।

4 जून की सुबह जब बड़ा भाई नहाने प्रथम तल पर बने बाथरूम गया तो उस वक्त नीचे दोनों बहने साथ थी। जब वह नीचे आया तो देखा कि किचन में छत पर लगे हुक से बंधी साड़ी में दोनो बहनों का शव लटका था। घबराये भाई ने पड़ोसियों को आवाज दी। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक दोनों बहनों की आत्महत्या करने की वजह पता नहीं चल पाई है।

पिता के बाद मां की भी मौत

जानकारी के अनुसार कि वार्ड क्रमांक 11 में निवासरत स्व. महारूलाल कारसर्पे की पत्नी अपनी अविवाहित लगभग 36 वर्षीय रीता और 38 वर्षीय संगीता के साथ रहती थी। जबकि दो बेटे जिले से बाहर बैतूल और रायपुर में कार्यरत थे। विगत अप्रैल में मां की कथित रूप से कोरोना बीमारी के चलते मौत हो गई। जिसके बाद घर में दोनो बहने अकेली हो गई थी। हालांकि कोरोना कर्फ्यू में दोनों भाई भी घर आये थे। काम और घर से काम रखने वाली बहनों को लेकर पड़ोसियों की राय भी कोई गलत नहीं है, उनका भी मानना है कि पिता को तीन साल पहले खोने और बीते अप्रैल में मां को खोने के बाद बेटियां गुमसुप रहती थी।

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