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विद्यार्थियों को वर्टिकल गार्डनिंग एवं अरहर उत्पादन की धरवाड़ पद्धति का दिया गया प्रशिक्षण

कटनी। शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत स्नातक तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्राचार्य डॉक्टर सुधीर खरे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर व्ही के द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण के क्रम में वर्टिकल गार्डनिंग के अंतर्गत सब्जियों फल फूल तथा सजावटी एवं शोभा दर पौधों को इनडोर या आउटडोर दीवारों खिड़कि यों पर हैंगिंग पॉट्स और ग्रो बैग में या प्लांट स्टैंड में गमलों को रखकर उनमें पेड़ पौधों को लगाना वर्टिकल गार्डनिंग कहलाता है इस विधि में काम जगह में अधिक पौधे लगा सकते हैं सजावटी पौधों के अंतर्गत मनी प्लांट स्नेक प्लांट कैक्टस एलोवेरा फूल वाले पौधे जरबेरा गुलदाउदी जेरेनियम बिगोनिया तथा सब्जी वाले पौधों टमाटर लौकी बीन्स करेला मटर लोबिया तोरई आदि को लगाने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

अरहर का उत्पादन बढ़ाने के लिए धारवाड़ पद्धति के अंतर्गत रोपण पद्धति को अपनाकर उत्पादकता में वृद्धि बीज दर में कमी उन्नत बीज का उपयोग अंतरवर्तीय फसल पद्धति सिंचाई खरपतवार कीट एवं रोग नियंत्रण तथा शसय क्रियाओं का उपयोग करके कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। इसके अंतर्गत किस्म का चयन बीज उपचार पॉलिथीन बैग में बुवाई भूमि की तैयारी पौधारोपण शीर्ष शाखाओं को तोड़ना निंदाई गुड़ाई सिंचाई कटाई गहाई एवं भंडारण का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। कृषक पद्धति से 47350 रुपए एवं धरवाड़ पद्धति से 124588 रुपए प्रति हेक्टर की वार्षिक आय का आर्थिक विश्लेषण की जानकारी विद्यार्थियों को दी गई।

2 किलो प्रति हेक्टर उन्नत किस्म के बीज को पॉलिथीन बैग में मिट्टी एवं जैविक खाद भरकर एक-एक बीज डालकर बोने तथा20 से 25 दिन का पौधा होने पर पॉलिथीन बैग से निकालकर कतार से कतार की दूरी 5 फुट एवं पौधे से पौधे की दूरी 3 फीट पर पौधारोपण कर देना चाहिए प्रति एकड़ 3000 पौधे लगाए जाते हैं।

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