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विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया

कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक खेती का प्रशिक्षण प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया गया।प्रशिक्षण का शुभारंभ प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के द्वारा किया गया।

 

प्रशिक्षण में जैविक खेती के अंतर्गत स्नातक स्तर केविद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अनुसार नवीन शिक्षा पद्धति के तहत सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक विषयों तथा परीक्षा प्रणाली की जानकारी दी गई।प्रशिक्षण के क्रम में जैविक खेती की परिभाषाके अंतर्गत जैविक खेती एक ऐसी प्रणाली है जिसमें रासायनिक खाद कीटनाशक एवं हारमोंस के प्रयोग को नकारते हुए ग्राम में उपलब्ध संसाधनों से जैविक खाद कीटनाशकएवं एवं फसल चक्र फसल अवशिष्ट अन्य जैविक आदान तथा जीवाणु खादों के प्रयोग से फसल उत्पादन किया जाता है जैविक खेती कीआवश्यकता रासायनिक खाद कीटनाशकों के फसलों में असंतुलित उपयोग से भूमि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को हो रहे नुकसान के विषय में बतलाया गया। परंपरागत खेती एवं पारंपरिक खेती जैविक खेती एवं रासायनिक खेती में अंतर। कम लागत तकनीकी से अधिक उत्पादन बढ़ाने भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि जीरो बजट फार्मिंग प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती के फायदे की तकनीकी जानकारी दी गई।

जैविक खेती में भूमि की उर्वरक शक्ति में टिकाऊ पन जैविक खेती प्रदूषण रहित कम पानी की आवश्यकता पशुओं का अधिक महत्व। फसल अवशेषों को खपाने की समस्या नहीं। अच्छी गुणवत्ता की पैदावार कृषि मित्र जीव सुरक्षित एवं संख्या में बढ़ोतरी। जैविक कृषि उत्पादों के उपयोग से स्वास्थ्य में सुधार एवं राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग की जानकारी दी गई।

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