School Jugad: 11 परिषदीय स्कूलों में ‘जुगाड़’ से चल रही पढ़ाई, 8805 विद्यार्थी हैं अध्ययनरत

School Jugad: 11 परिषदीय स्कूलों में 'जुगाड़' से चल रही पढ़ाई, 8805 विद्यार्थी हैं अध्ययनरत

11 परिषदीय स्कूलों में ‘जुगाड़’ से चल रही पढ़ाई, 8805 विद्यार्थी हैं अध्ययनरत नगर क्षेत्र के 11 परिषदीय स्कूलों में ‘जुगाड़’ से पढ़ाई व्यवस्था चल रही है। इन विद्यालयों में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। दूसरे विद्यालयों के शिक्षकों को संबद्ध कर अध्यापन का कार्य चल रहा है। नगर क्षेत्र के विद्यालयों में यह स्थिति एक दशक से बनी हुई है। आलम, यह है कि नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में एक शिक्षक के ऊपर 76 बच्चों की पढ़ाई का भार है।

जबकि, बेसिक शिक्षा विभाग के मानकों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय में 30 बच्चों पर एक शिक्षक तो उच्च प्राथमिक में 35 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती का प्रावधान है। मगर, शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने और ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में शिक्षकों के स्थानांतरण की कोई योजना न होने से नगर क्षेत्र के 59 विद्यालयों में अब शिक्षकों की संख्या 115 रह गई है।

11 परिषदीय विद्यालयों में तो कोई नियमित शिक्षक ही नहीं हैं। जैसे-तैसे अध्यापन का कार्य चल रहा है। हालांकि, 51 शिक्षामित्र और एक अनुदेशक भी अध्यापन कार्य कर रहे हैं। मगर, मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है।

तीन साल पहले ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की भी कमोबेश स्थिति कुछ ऐसी ही थी। मगर, 68,500 और 69,000 शिक्षकों की भर्ती के अंतर्गत जिले को 1500 नए शिक्षक मिले हैं। उसके बाद जिले के 2504 परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों की संख्या 9000 तक पहुंच गई है।

10 साल पहले शिक्षकों का हुआ था स्थानांतरण

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजेश दुबे ने बताया कि नगर क्षेत्र के विद्यालयों में 10 साल पहले शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ था। उसके बाद स्थानांतरण नहीं हुआ। जो शिक्षक तैनात हुए, वे धीरे-धीरे सेवानिवृत्त हो गए। शिक्षामित्र और अनुदेशक न रहें तो पढ़ाई ठप हो जाएगी।

इन विद्यालयों में नियमित शिक्षक नहीं

प्राथमिक विद्यालय रायगंज कन्या, प्राथमिक विद्यालय डोमिनगढ़ द्वितीय, प्राथमिक विद्यालय झुंगिया, प्राथमिक विद्यालय अलीनगर, प्राथमिक विद्यालय असुरन प्राचीन, प्राथमिक विद्यालय झरनाटोला, प्राथमिक विद्यालय महादेव झारखंडी, प्राथमिक विद्यालय रेलवे बौलिया, प्राथमिक विद्यालय शास्त्रीनगर, प्राथमिक विद्यालय डोमिनगढ़ प्रथम, प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर

बीएसए आरके सिंह ने कहा कि शासन स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में तैनात शिक्षकों को नगर क्षेत्र में लाने की कवायद चल रही है। दिशा-निर्देश का इंतजार है। जबतक शिक्षक नहीं मिल जाते हैं, तब तक स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षक विहीन विद्यालयों से संबद्ध कर अध्यापन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

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