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विद्यार्थियों को बायोडायनेमिक कृषि पंचगव्य एवं ऋषि कृषि का दिया गया प्रशिक्षण

कटनी। स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय स्लीमनाबाद में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए विद्यार्थियों को कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग प्राकृतिक एवं जैविक खेती के अंतर्गत प्राचार्या डॉ सरिता पांडे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर प्रीति नेगी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण के क्रम में बायोडा नेमिक कृषि के अंतर्गत सूर्य चांद सितारों एवं नक्षत्र शक्तियों का कृषि एवं फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। जैव सक्रिय उत्पाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ नाशी जीव प्रबंधन में भी योगदान करते हैं।

सींग खाद ऋषि कृषि पंचगव्य खाद बनाने एवं फसलों में उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। गाय के सींग खोल मैं नक्षत्रीय शक्तियों को ग्रहण करने की क्षमता होती है सींग खाद निर्माण के लिए क्वार की नवरात्र गाय के सींग मैं गोबर भरकर नुकीला भाग ऊपर करके डेढ़ फुट भूमि में गाड़कर मिट्टी से ढक देते हैं चैत्र नवरात्र में निकाल कर 30 ग्राम सींग खाद को 13 लीटर पानी में मिलाकर बोने से पूर्व भूमि में छिड़काव तथा दूसरी बार 20 दिन की फसल में छिड़काव करने से सूक्ष्मजीवों एवं केंचुआ की संख्या में बढ़ोतरी होती है।

ऋषि कृषि के अंतर्गत अमृतपानी बनाकर इसका उपयोग बीज उपचार भूमि उपचार तथा पादप उपचार मैं करने का प्रशिक्षण दिया गया। पंचगव्य बनाने के लिए देशी गाय का गोबर गोमूत्र दूध दही घी के निर्धारित मात्रा को एक प्लास्टिक के ड्रम में 18 दिन तक रखकर दिन में दो बार डंडे से हिलाते हैं इसके तीन प्रतिशत घोल से बीज जड़ एवं कंद उपचार फल पेड़ एवं पौधों तथा फसल पर छिड़काव बीज भंडारण एवं सिंचाई पानी के साथ खेत में प्रवाहित करके फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए उपयोग करते हैं।

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