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Online Fraud यह बुजुर्ग ठगी का शिकार भी बुजुर्ग महिलाओं को बनाता था

Online Fraud यह बुजुर्ग ठगी का शिकार भी बुजुर्ग महिलाओं को बनाता था

ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) से लेकर राह चलते लोगों को ठगने वाले आरोपियों में ज्यादातर युवाओं के नाम आते हैं, लेकिन एक मामले में बुजुर्ग का नाम आया है। यह बुजुर्ग ठगी का शिकार भी बुजुर्ग महिलाओं को बनाता था। गोवंडी पुलिस ने आरोपी 62 वर्षीय आसिफ शब्बीर सैयद को गिरफ्तार किया है। आसिफ पर आरोप है कि वह घर से बाहर किसी काम से निकली अकेली बुजुर्ग महिलाओं को ठगता था। उसके खिलाफ ठगी के 58 मामले दर्ज हैं। शब्बीर इस मामले में अकेला आरोपी नहीं है, बल्कि वह बाकायदा गैंग बनाकर महिलाओं को ठगता है। ये आरोपी पूर्वी उपनगर के गोवंडी, मानखुर्द एवं चेंबूर आदि इलाकों में घूमते हैं। अगर कोई अकेली बुजुर्ग महिला दिख जाती है, तो ये पहले मदद के बहाने उसके पास जाते हैं और खुद को भाई-बहन के समान बताकर बातचीत करते हैं। जब बातचीत बढ़ जाती है, तो उसके गहने आदि ठग कर भाग जाते हैं।

मदद मांगना पड़ा भारी

25 जून को 70 वर्षीय महिला घर जा रही थी। महिला ने पुलिस को बताया कि रास्ता खराब होने के कारण उसे चलने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए उसने आसिफ से मदद मांगी। आसिफ ने महिला से कहा कि वह खराब रास्ते पर चलते समय गिर सकती है, जिससे उसके गहने खराब हो सकते हैं। बातों में आकर महिला ने आसिफ की दी हुई थैली में मोबाइल, आभूषण आदि रख दिए और उसके साथ चलने लगी। कुछ दूर चलकर आसिफ ने महिला को थैली वापस कर दी और वहां से चला गया। महिला ने जब थैली देखी, तो उसमें से सोने के 80 हजार रुपये के गहने गायब थे। महिला की शिकायत पर गोवंडी पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार किया। हालांकि, इस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपी फरार हैं।

सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की
मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय ने बुजुर्गों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिसकर्मियों को दी थी। उन्होंने बुजुर्गों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए गाइडलाइन भी जारी की थी। इसके तहत, जितनी भी पुलिस बीट चौकियां हैं, उसके कार्यक्षेत्र में रहने वाले जितने भी बुजुर्ग हैं, जो अकेले रहते हैं, उनकी लिस्ट बनाकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को दें। सभी बुजुर्गों के घर में एक पुलिस रजिस्टर होना चाहिए। अकेले रहने वाले पुरुष बुजुर्गों से पुरुष पुलिस अधिकारी, जबकि बुजुर्ग महिलाओं से महिला पुलिस अधिकारी सप्ताह में एक बार मिलकर उनका हालचाल लें। यह जानकारी उनके घर में रखे रजिस्टर में दर्ज करें। हालांकि, पांडेय के रिटायर्ड होने के बाद से इस अभियान पर ग्रहण लगता हुआ दिखाई दे रहा है।

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