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झिंझरी जेल में समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी के नेतृत्व बंदी भाईयों और मातृशक्तियों के मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य पर विचार विमर्श कार्यशाला का हुआ आयोजन

कटनी। विगत दिन सम्पूर्ण भारत वर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आयोजित कार्यक्रम किया गया इसी संदर्भ पर विगत दिन झिंझरी जेल में सर्वधर्म जनसेवा सामाजिक विकास व्यवस्था और मानवता जनहित में बंदी महिलाओ और बंदी भाईयों के बीच उनके मौलिक अधिकार एंव कर्तव्यों के साथ ही भूलवंश हुए अपराधों पर विचार विमर्श कर सामाजिक व्यवस्था पर बदलाव लाने हेतु समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी के नेतृत्व पर कार्यशाला आयोजित कार्यक्रम किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झिंझरी जेल उप अधीक्षक डॉ समता तिवारी के मार्गदर्शन पर कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर आत्मीय भव्य बंदी महिलाओ और भाईयों के बीच मौलिक अधिकार एंव कर्तव्य निष्ठावान बने विचार विमर्श कार्यशाला आयोजित कार्यक्रम प्रारंभ हुआ उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि उप अधीक्षक डॉ समता तिवारी ने कहा कि, सर्वधर्म जनसेवा समभाव सामाजिक समरसता के तहत स्वंय सेवी संस्था द्वारा ऐसे अच्छे कार्य विगत कई वर्षों से हमारी मातृशक्ति के लिए उनके मानवाधिकार और उनके मौलिक अधिकार का विधिवत रूप से कानून के अनुसार करती आ रही है जोकि, बहुत बहुत उत्कृष्ट और सराहनीय प्रयास है,कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश की पहली मार्शल आर्ट मातृशक्ति अधिवक्ता श्रीमति मांडवी पाडें ने उपस्थित सभी बंदी महिलाओ को आत्मनिर्भर इंसान बन कर समाज कल्याण कार्य में सक्रिय रूप से काम करने सहदय प्रेरित किया।

इस अवसर पर शासकीय पालीटेक्निक महाविद्यालय की शिक्षिका श्रीमति गीतांजलि गौतम द्वारा बंदी भाई-बहनों को अपने जीवन में क्रोधवशं हुए अपराधों पर बड़ी ही गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श कर अच्छाई कर्तव्य और सुखमय जीवन बनाए रखने समझाया वही जूनियर अधिवक्ता श्रीमती शिखा पांडेय ने उपस्थित सभी बंदियों भाई-बहनों को आपसी मतभेदों को भुलाकर प्रेम स्नेह अटूट विश्वास के साथ मिलकर समरसता बनाए।

समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने कहा कि यह जेल नही है यह इंसान के द्वारा हुए भूलवंश अपराधों पर विचार विमर्श और गंभीरतापूर्वक मंथन करने की गुरुकुल पाठशाला है जन्म से कोई भी व्यक्ति अपराधी नही होता है,,वो तो समय परिस्थितिजन्य ऐसे कार्य कारित हो जाते है।

 

कार्यक्रम के अंत में बंदी मातृशक्तियों के बीच नन्हे नन्हे मासूम बच्चो को गर्म कपड़े दिये और उनका जीवन मंगलमय और सुखमय जीवन हो मंगलकामानायें की कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों एंव बंदी सभागार पर उपस्थित हुए भाई-बहनों का आभार व्यक्त जूनियर अधिवक्ता शिवी जैन ने किया उक्त अवसर पर इंनदावली शर्मा, प्रहरी अक्षयकुमार मिश्रा, रानी सिंह, सृष्टी मिश्रा, इत्यादि सभी की उपस्थित रही।

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