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MP School Job Vacancy ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में रिक्त 70 प्रतिशत पद भरे जाएंगे

MP School Job Vacancy

MP School Job Vacancy । ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक स्कूल दो साल से शिक्षक विहीन हो गए हैं। अब इन स्कूलों में शिक्षक नियुक्‍त हो जाएंगे। अब मप्र में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को गांव में दस साल पढ़ाना अनिवार्य होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में खाली 70 प्रतिशत पद भर जाएंगे।

इससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार होगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नवीन स्थानांतरण नीति में उल्लेखित किया गया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में भी पढ़ाना होगा। इससे दो साल पहले आनलाइन स्वैच्छिक स्थानांतरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षक शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में ट्रांसफर कराकर आ गए।

अब शहरी क्षेत्रों में अतिशेष शिक्षकों की संख्या बढ़ गई, लेकिन अब शिक्षकों का स्थानांतरण स्वैच्छिक नहीं होगा, बल्कि अब परफार्मेंस के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा नई नीति में स्पष्ट किया गया है कि एक शिक्षक को अपने पूरे सेवाकाल में गांव के स्कूलों में दस साल पढ़ाना होगा। वहीं, नवनियुक्त शिक्षकों को तीन साल तक गांव के स्कूलों में रहना होगा। इसका वचन-पत्र लगेगा।

MP School Job Vacancy इस तरह होगा आकलन

यदि सीएम राइज, उत्कृष्ट एवं माडल स्कूलों के साथ नगरीय क्षेत्रों के हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में परिणाम 60 प्रतिशत से कम हैं और शेष हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में 40 प्रतिशत से कम हैं तो प्राचार्य का तबादला ग्रामीण क्षेत्रों के दूरस्थ स्कूलों में किया जाएगा। यही व्यवस्था विषय के शिक्षकों के लिए क्रमश: 70 प्रतिशत व 50 प्रतिशत से कम परिणाम पर भी लागू होगी।

MP School Job Vacancy शहरों और गांवों में तबादले की यह होगी प्रक्रिया

दस साल या इससे अधिक एक ही स्कूल में पदस्थ (खासतौर पर शहरी क्षेत्र) शिक्षकों को शिक्षक विहीन या कम शिक्षकों वाले गांव के स्कूलों में स्थानांतरण किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन करने की छूट होगी। इस मापदंड में आने वाले कुल शिक्षकों में से न्यूनतम 10 प्रतिशत का पहले ही साल स्थानांतरण किया जाएगा। उन्हें कम से कम 10 साल वहां रहना होगा। नियुक्ति के बाद से शहरी क्षेत्रों में लगातार काम कर रहे शिक्षकों को अब गांवों में जाना होगा। दूरस्थ व गांव के आदिवासी इलाकों में जाने वाले शिक्षकों को इंसेंटिव मिलेगा।

स्कूलों में बच्चों की संख्या मान के आधार पर वरिष्ठ शिक्षक अतिशेष माने जाएंगे। वरिष्ठ शिक्षक यानी जिनका उक्त स्कूल में सबसे ज्यादा समय हुआ है। ऐसे वरिष्ठ शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। प्रतिबंध अवधि में भी उन जगहों पर अतिशेष शिक्षक भेजे जाएंगे, जहां कमी है।

MP School Job Vacancy इस तरह होगी ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना, जिन्होंने अब तक सेवाएं नहीं दीं

2001 तक नियुक्त शिक्षक व संविदा कर्मी- 5 साल

2008 तक नियुक्त संविदा शिक्षक- 7 साल

2013 तक नियुक्त संविदा शिक्षक- 10 साल

2018 तक नियुक्त संविदा शिक्षक- 10 साल

इस नीति में उल्लेखित है कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों को दस साल पढ़ाना अनिवार्य होगा। इससे गांव के स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध होंगे।

– केके द्विवेदी, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय

वरिष्ठता की गणना करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जो शिक्षक सबसे अंत में आया है। उसका सबसे पहले स्थानांतरण करना चाहिए। विभाग द्वारा बनाई गई स्थानांतरण नीति दोषपूर्ण है। इसकी पुन: समीक्षा की जानी चाहिए।

– सुभाष सक्सेना, प्रांताध्यक्ष, मप्र शिक्षक कांग्रेस

 

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