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2 साल बाद दिल्ली में AAP की जीत, गोवा में पर्रिकर-राणे जीते


नई दिल्ली.आंध्र प्रदेश, गोवा और दिल्ली की चार असेंबली सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही है। गोवा की दोनों सीटें बीजेपी के खाते में गईं। पणजी में सीएम मनोहर पर्रिकर और वालपेई में विश्वजीत राणे को जीत मिली। दिल्ली के बवाना में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज कर ली है । यहां बीजेपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर है। उधर, आंध्र की नंदयाल सीट पर टीडीपी कैंडिडेट लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। इन चारों सीटों पर 23 अगस्त को वोट डाले गए थे।

नई दिल्ली.आंध्र प्रदेश, गोवा और दिल्ली की चार असेंबली सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही है। गोवा की दोनों सीटें बीजेपी के खाते में गईं। पणजी में सीएम मनोहर पर्रिकर और वालपेई में विश्वजीत राणे को जीत मिली। दिल्ली के बवाना में आम आदमी पार्टी जीत की ओर बढ़ रही है। यहां बीजेपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर है। उधर, आंध्र की नंदयाल सीट पर टीडीपी कैंडिडेट लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। इन चारों सीटों पर 23 अगस्त को वोट डाले गए थे। 
– बवाना:27वें राउंड की गिनती के बाद AAP जीत के नजदीक पहुंच गई है। आप के कैंडिडेट रामचंद्र 59,844 वोट के साथ आगे हैं। बीजेपी के वेद प्रकाश 35,782 वोट के साथ दूसरे और कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र कुमार 31,881 वोट के साथ तीसरे नंबर पर हैं। 1410 लोगों ने नोटा को चुना है।
– नंदयाल:10वें राउंड के बाद टीडीपी कैंडिडेट भुमा ब्रह्मानंद रेड्डी ने 19,706 वोट की बढ़त बनाई है। वाईएसआर कांग्रेस के कैंडिडेट शिल्पा मोहन रेड्डी पिछड़ रहे हैं।
– पणजी:मनोहर पर्रिकर ने पहले राउंड से ही बढ़त जारी रखी। कुल तीन राउंड के बाद उन्होंने 4,803 वोट से जीत दर्ज की। इसके बाद पर्रिकर ने कहा है कि वो अगले हफ्ते राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देंगे।
– वालपेई:कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए विश्वजीत राणे को जीत 10,066 वोट से जीत मिल गई है।
चारों सीटों का क्या है हाल?
दिल्ली- बवाना सीट
नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली की इस सीट पर पिछले चुनाव में 62% के मुकाबले सिर्फ 45% वोट पड़े। यहां करीब 3 लाख वोटर हैं।
 बीजेपी ने आप के टिकट पर 2015 में जीत दर्ज करने वाले वेद प्रकाश को कैंडिडेट बनाया। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया है। आप ने रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है।
2015 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आप के लिए बवाना में चुनाव अहम है। आप को गोवा और पंजाब के असेंबली, एमसीडी और राजौरी गार्डन असेंबली सीट पर हार मिली। इसके बाद सीएम केजरीवाल और पार्टी नेताओं ने तय किया था कि अब फोकस दिल्ली पर होगा।
गोवा- पणजी और वालपेई सीट
यहां पणजी सीट पर 70% और वालपेई में 80% वोटिंग हुई। पणजी सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर चुनाव मैदान में उतरे। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के गिरीश चोडांकर और गोवा सुरक्षा मंच (GSM) के आनंद शिरोडकर से था। बीजेपी विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर के इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हुई।
बुधवार को वोट करने के बाद पर्रिकर ने कहा था, ‘मैं कोई अनुमान नहीं लगाऊंगा, लेकिन जीत काफी मजबूत होगी।’ अब वे अगले हफ्ते राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा देंगे। वालपेई सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में आए विश्वजीत राणे ने जीत दर्ज की है। मई में गोवा असेंबली के फ्लोर टेस्ट के वक्त उन्होंने इस्तीफे दे दिया था।
 आंध्र प्रदेश- नंदयाल सीट
– नंदयाल सीट पर 72% वोटिंग हुई। टीडीपी विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन के बाद कुरनूल जिले की नंदयाल सीट पर चुनाव हो रहा है। यहां कुल 2.19 लाख वोटर हैं।
 सीएम चंद्रबाबू नायडू के लिए ये सीट प्रतिष्ठा का सवाल है। क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस ने इस चुनाव को सरकार के 3 साल के कामकाज की परीक्षा बताया है। वाईएसआर ने शिल्पा मोहन रेड्डी को टिकट दिया है। पार्टी प्रेसिडेंट जगनमोहन रेड्डी खुद यहां प्रचार कर चुके हैं।यहां एक रैली में जगमोहन रेड्डी ने सीएम नायडू के लिए आपत्तिजनक बयान दिया था। इस पर इलेक्शन कमीशन ने सख्स रुख अख्तियार करते हुए आंध्र प्रदेश ईसी को फौरन कार्रवाई का ऑर्डर दिए। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
क्यों हुए उपचुनाव?
– बवाना:इस सीट से 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज कर विधायक बने वेद प्रकाश ने इस्तीफा देकर मार्च में बीजेपी ज्वाइन कर ली थी।
पणजी:यहां के बीजेपी विधायक सिद्धार्थ कुनकालीनेकर ने इस्तीफा देकर सीएम मनोहर पर्रिकर के लिए सीट छोड़ी। पर्रिकर को सीएम बनने के बाद 6 महीने असेंबली मेंबर बनना जरूरी था।
वालपेई:यहां से कांग्रेस के टिकट पर लड़े विश्वजीत राणे ने जीत दर्ज की थी। मई में गोवा असेंबली के फ्लोर टेस्ट के वक्त उन्होंने नाटकीय तरीके से विधायकी और पार्टी से इस्तीफे दे दिया था।
नंदयाल: कुरनूल जिले की ये सीट टीडीपी विधायक भुमा नागिरेड्डी के निधन के बाद खाली हो गई थी।

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