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जन्मदिन पर विशेष: जनसेवा से जनप्रिय बनने का उदाहरण हैं नरोत्तम मिश्रा: पद्मेश गौतम

जन्मदिन पर विशेष: जनसेवा से जनप्रिय बनने का उदाहरण हैं नरोत्तम मिश्रा: पद्मेश गौतम

▪️पद्मेश गौतम▪️

मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में विलक्षण प्रतिभा के धनी, लाखों लोगों के ह्रदय सम्राट मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की शख्सियत से भला कौन परिचित न होगा। प्रदेश में शांति की मिशाल का दूसरा रूप हैं नरोत्तम मिश्रा, उनकी कार्यशैली में जितनी सह्रदयता है नियम विरुद्ध कार्य करने वालों के लिए उतनी ही कठोरता भी। पीड़ित शोषित वंचित लोगों के लिए अंत्योदय की कल्पना को साकार करने वाले नेता और उनके नेतृत्व में हम कार्यकर्ता सदैव स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आज नरोत्तम जी के जन्मदिन एक अभिव्यक्ति मन मे आई लिहाजा जनप्रिय नेता के लिए दो शब्द लिखने का यह प्रयास है।

जन्मदिन पर विशेष: जनसेवा से जनप्रिय बनने का उदाहरण हैं नरोत्तम मिश्रा: पद्मेश गौतम

वैसे तो अपने लिए सभी जीते हैं विरले ही होते हैं वो जो दूसरों के लिए जिया करते हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं। मध्यप्रदेश ही नहीं देश के लोकप्रिय जनसेवक हम सभी के मार्गदर्शक गृह मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा। सादगी, सहजता एवं जन भावनाओं को समझने की अद्भुत क्षमता वाले भारतीय जनता पार्टी के विनम्र कर्मठ, परिश्रमी नेता, जिनकी लोकप्रियता मध्यप्रदेश के हर वर्ग में है ऐसे डाॅ.नरोत्तम मिश्र का आज जन्मदिन है।

जन्मदिन पर विशेष: जनसेवा से जनप्रिय बनने का उदाहरण हैं नरोत्तम मिश्रा: पद्मेश गौतम

लोगों की दुख तकलीफ को हर पल महसूस करने वाले डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने अपनी कुशल रणनीति से न सिर्फ मध्यप्रदेश में सत्ता संगठन का जो समन्वय स्थापित किया वह काबिले तारीफ है। श्री मिश्रा की इन्हीं क्षमता का आंकलन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा गृह मंत्री श्री अमित शाह ने परखा। उन्हें उस पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी सौंपी जहां के लोग ममता सरकार के कामकाज से खफा विकल्प तलाश रहे थे। बंगाल में आदर्श नेता डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने अपनी कुशल रणनीति से जनता के दिल की बात पहचानी उनकी नब्ज टटोली आज बंगाल में केसरिया ध्वज सब पर भारी है। राज और नीति के कुशल संवाहक के रूप में नरोत्तम मिश्रा कभी भी कितनी भी विपरीत परिस्थितियों में हार नहीं मानते यही कारण है कि वर्तमान में कोरोना संकट के बीच वह हर उस शख्स तक लाभ पहुंचाने के लिए आतुर हैं जहां अंत्योदय की कल्पना निहित होती है।

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मध्यप्रदेश में वर्षों से पुलिस विभाग में मानसेवी प्रमोशन की बात होती रही, छोटे पुलिस कर्मी लंबे अंतराल और सेवा के बावजूद कांधे पर स्टार नहीं देख पाते थे। नरोत्तम जी ने पुलिस के इस मनोबल को गम्भीरता से महसूस किया आज प्रदेश के पूरे पुलिस महकमे में छोटे कर्मचारी प्रमोशन पाकर हर्षित और गौरवांवित हैं। ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण है जो श्री नरोत्तम मिश्रा को जन आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील नजरिया रखने वाला कुशल जनसेवक, ऊर्जावान नेतृत्व के रूप में प्रदर्शित करते हैं।

जन्मदिन पर विशेष: जनसेवा से जनप्रिय बनने का उदाहरण हैं नरोत्तम मिश्रा: पद्मेश गौतम

उनका सरल, सहज, संवेदनाओं से परिपूर्ण स्वभाव आकर्षण का केंद्र है। किसी अजनबी से भी मिलकर, कुछ पल में ही अपना बनाने का व्यक्तित्व अद्वितीय है। यही कारण है, कि उनके असंख्य समर्थक हैं।

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ग्वालियर में जन्मे डाॅ.नरोत्तम मिश्र ए ए, पीएचडी हैं, उन्होने राजनीति का आरंभ छात्रसंघ से किया।वो सन् 1977-78 में जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर छात्रसंघ के सचिव रहे,1978-80 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य,1985-87 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहने के बाद 1990 में ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा से विधायक बने।

 

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