HOMEMADHYAPRADESH

कलेक्टर ने दिया आइडिया, CM शिवराज ने तुरंत दिए आदेश, हर जिले में नियुक्त होगा पालक अधिकारी

हर जिले में एक पालक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी बच्‍चों की देखभाल के लिए उत्तरदायी रहेगा

मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने सोमवार को कोविड-19 बाल सेवा योजना के अंतर्गत सिंगल क्लिक से 16 लाख 40 हजार रुपये की राशि 328 बाल हितग्राहियों के खाते में अंतरित की। उन्होंने कहा कि जीवित और जागरूक समाज के रहते हुए कोई कैसे अनाथ रह सकता है। योजना के हितग्राहियों को पांच हजार स्र्पये प्रतिमाह, भोजन के लिए राशन की व्यवस्था, शिक्षा के लिए भारत में कहीं भी शिक्षा खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। हर जिले में एक पालक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी बच्‍चों की देखभाल के लिए उत्तरदायी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने बाल सेवा योजना, स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर के अंतर्गत इंदौर, राजगढ़, सिवनी, बैतूल, मंदसौर, सतना एवं ग्वालियर के 13 बधाों और अभिभावकों से वर्चुअली चर्चा की। उन्होंने बताया कि बाल सेवा योजना में माता-पिता अथवा घर में कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हो जाने से उनके आश्रित बच्‍चों को प्रति सदस्य पांच हजार रुपये प्रति माह, राशन एवं उनकी शिक्षा संबंधी सभी जिम्मेदारियां राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएंगी।

बच्चों से उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी यदि अन्य कोई आवश्यकता होगी, तो कलेक्टर उनकी देखभाल करेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी, वे आगे बढ़े और इतने आगे बढ़े कि समाज के पथ प्रदर्शक बनें। गोस्वामी तुलसीदास, विवेकानंद, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन आदि गुरू शंकराचार्य, मिल्खा सिंह, नेल्सन मंडेला, स्टीव जाव्स सहित अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में दुनिया को दिशा दिखाई।

कलेक्टर इंदौर के संज्ञान पर मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

कलेक्टर इंदौर मनीष सिंह द्वारा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया कि एक प्रकरण में बाल सेवा योजना के हितग्राही बधाों की दादी ने उनके माता-पिता के मकान को 40 लाख में बेच दिया है, जबकि मकान की कीमत करीब एक करोड़ स्र्पये थी। इस पर प्रशासन ने कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया कि ऐसे प्रकरणों में तुरंत कार्रवाई कर हितग्राहियों की संपत्ति को सुरक्षित एवं संरक्षित करें। माता-पिता की संपत्ति उनके बच्‍चों के नाम ही हो, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कलेक्टर इंदौर की पहल को अनुकरणीय बताया।

Show More

Related Articles

Back to top button