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Surya Namaskar सूर्य नमस्कार योग है, धार्मिक उपासना की विधि नहीं: HC

सूर्य नमस्कार विशुद्ध रूप से योग है, धार्मिक उपासना की विधि नहीं

Surya Namaskar मप्र हाई कोर्ट ने ओपन कोर्ट में साफ किया कि सूर्य नमस्कार विशुद्ध रूप से यौगिक-प्रणाली है। यह धार्मिक उपासना की कोई विधि नहीं है। इसका संबंध स्वस्थ्य जीवन से है। लिहाजा, सूर्य नमस्कार से धार्मिक भावनाएं आहत होने का प्रश्न कैसे उठ सकता है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने मंगलवार को इस टिप्पणी के साथ भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की सूर्य नमस्कार को लेकर आपत्ति दर्ज कराने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई आठ फरवरी तक के लिए बढ़ा दी।

जनहित याचिका के जरिये सूर्य नमस्कार के आयोजन और उसमें हिस्सा लेने की बाध्यता को चुनौती दी गई है। प्रारंभिक सुनवाई की दौरान जनहित याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि सूर्य नमस्कार अनिवार्य किए जाने के आदेश से धर्म विशेष के लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। लिहाजा, इसे स्वैच्छिक किया जाए।

 

हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाकर्ता से पूछा कि परिपत्र में कहां लिखा है कि सूर्य नमस्कार करने की बाध्यता है। इस पर जनहित याचिकाकर्ता ने कुछ दस्तावेज पेश करने की मोहलत मांगी। हाई कोर्ट ने आठ फरवरी तक सुनवाई बढ़ाते हुए अनुमति दे दी

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