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Coronavirus: AIIMS के पूर्व निदेशक बोले-इस बार ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा कोरोना नया वैरिएंट, कैसे करें बचाव?

Coronavirus: AIIMS के पूर्व निदेशक बोले-इस बार ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा कोरोना नया वैरिएंट, कैसे करें बचाव?

Coronavirus: AIIMS के पूर्व निदेशक बोले-इस बार ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा कोरोना नया वैरिएंट, कैसे करें बचाव? कोरोना (Coronavirus) के ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट से इस बार देश में उतना बड़ा संकट नहीं पैदा होगा, जितना कोरोना की पहली, दूसरी या तीसरी लहर में देखने को मिला था। देश की बड़ी आबादी पहले ही कोरोना की चपेट में आ चुकी है और इस कारण हमारे यहां बड़ी आबादी में कोरोना से लड़ने की क्षमता पैदा हो चुकी है।

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ज्यादातर लोगों को वैक्सीन का टीका लगने के कारण इस बार कोरोना ज्यादा खतरनाक साबित नहीं होगा। कोरोना से अब तक लड़ने का हमारा अनुभव हमारे काम आएगा और भारत में संक्रमण बढ़ने पर भी हम इससे ज्यादा बेहतर ढंग से निपट सकेंगे। लेकिन इसके बाद भी किसी खतरे को कम करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए। मास्क पहनने, हाथ धुलने और सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचने के उपाय अपनाकर हम कोरोना से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।

AIIMS, दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा कि हमें यह बात स्वीकार कर लेनी चाहिए कि अब कोरोना हमारे बीच हमेशा रहेगा, इसलिए हमें इसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए कि कोरोना कभी भी म्यूटेट कर नए रूप में हमारे सामने आ सकता है।

इसलिए संक्रमण से बचने के कुछ व्यवहार हमें हमेशा से अपना लेना चाहिए। यदि इसके बाद भी हमें कोविड होता है तो इसका स्वयं कोई उपाय करने की बजाय प्रशिक्षित डॉक्टर से उचित इलाज कराना चाहिए। इससे सरकार कोरोना के किसी संभावित नए वैरिएंट को पकड़ने में सफल रहेगी।

वैक्सीन कारगर, लेकिन करना पड़ सकता है बदलाव

डॉ. एमसी मिश्रा ने मीडिया से कहा कि हमारे देश में विकसित कोरोना वैक्सीन बहुत सफल रही है। कोविशील्ड और कोवॉक्सिन ने लोगों को कोरोना से बचाने में बड़ी कारगर भूमिका निभाई है।

लेकिन अब तक का अनुभव बताता है कि कोरोना वायरस तेजी से अपना स्वरूप बदलता है, लिहाजा उसमें कभी भी कोई खतरनाक गुण पैदा हो सकता है, जो ज्यादा विनाशकारी हो। इसके लिए संक्रमित हो रहे लोगों की जीनोम सेक्वेंसिंग कर उसके मुताबिक टीके में बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए सरकार और टीका निर्माता कंपनियों को सदैव तैयार रहना चाहिए।

अनुभव आएगा काम

2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में आया कोरोना पूरी दुनिया के लिए पहला अनुभव था। कोई इसके खतरे से परिचित नहीं था और दुनिया इसके लिए तैयार नहीं थी। लेकिन भारत सहित दुनिया के तमाम देशों ने अब तक कोरोना के व्यवहार को काफी हद तक समझ लिया है, लिहाजा हमारा वह अनुभव इस बार कोरोना से लड़ाई में हमारे काम आएगा और हम इससे बचने के प्रभावशाली उपाय कर सकेंगे।

पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार

चूंकि, हमने पूर्व में कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया था, वह अब भी हमें कोरोना से निपटने में मदद करेगा। आज हमारे देश के पास अच्छी संख्या में अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन उत्पादक मशीनें, ऑक्सीजन ले जाने के कैंटेनर, पीपीई किट्स और अन्य सामान उपलब्ध हैं। आवश्यकतानुसार इस क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है, लिहाजा इस बार हम कोरोना की किसी संभावित लहर से बेहतर ढंग से मुकाबला कर सकेंगे।

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