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नगरीय निकायों के खर्च कम करने की तैयारी, 800 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारियों की मूल विभागों में की जा सकती है वापसी

भोपाल । मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका एवं 294 नगर परिषद हैं। इनमें से ज्यादातर नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर हैं। ऐसे करीब 800 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटाने की तैयारी है। नगरीय आवास विभाग इनकी सूची तैयार कर रहा है। 15 अगस्त से पहले सूची जारी होने की संभावना है।

दरअसल, कोरोना काल में नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति काफी खस्ता हो चुकी है, इसलिए प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी-कर्मचारी को वापस भेजने की तैयारी विभाग स्तर पर शुरू हो गई है। स्थानांतरण पर प्रतिबंध खुलने के बाद से ही ऐसे कर्मचारियों की सूची बनना शुरू हो गई थी, जो अब अंतिम दौर में है। बता दें कि इस कवायद के पीछे वजह निकायों के बढ़े हुए खर्च बताई जा रही है।

हटाने की कोशिश की तो सिफारिश ले आए

जानकारी के मुताबिक नगर निगम के एक स्वास्थ्य अधिकारी का मूल विभाग नगर पालिका देवास है। वहीं सहायक यंत्री के तौर पर पदस्थ एक अधिकारी का मूल विभाग पीएचई है। नगर पालिका मुरैना में पदस्थ एक कर्मचारी भोपाल नगर निगम में सहायक लेखा अधिकारी है। कुछ अफसर तो ऐसे हैं जिनके मूल विभाग दूसरे हैं लेकिन सालों से वे यहां पदस्थ हैं। इन्हें यहां से हटाने की कोशिश की गई तो कोई मंत्री की सिफारिश लेकर आ जाता है तो कोई बड़े स्तर के अधिकारी की।

 

बीते सालों में भी जारी हो चुके है आदेश

नगर निगम भोपाल में ऐसे 100 अधिकारी-कर्मचारी हंै जिन्हें पिछले साल प्रशासक कवींद्र कियावत ने मूल विभाग में भेजने के आदेश जारी किए थे। इसमें से कई कर्मचारी कोर्ट का स्टे लेकर यहां बैठे हुए हैं। वर्ष 2020 में ग्वालियर की तर्ज पर एक एक्शन प्लान बना था जिसमें 102 में से 66 लोगों को मूल विभाग भेजने की तैयारी थी।

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