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Big Phone fraud in Jabalpur: 50 लाख के चक्कर में गंवा दिए साढ़े 27 लाख, पढ़ें औऱ सावधान रहें

Big Phone fraud in Jabalpur: 50 लाख के चक्कर में गंवा दिए साढ़े 27 लाख, पढ़ें औऱ सावधान रहें

Big Phone fraud in Jabalpur कहते हैं लालच बुरी बला लेकिन जब समझदार पढ़े लिखे व्यक्ति भी लालच में पड़ सब कुछ गंवा दें तो किसे दोष दिया जाए ऐसा ही मामला जबलपुर में हुआ यहां एक व्यक्ति ने 27 लाख 50 हजार रुपये 50 लाख मिलने की लालच में गंवा दिए। वैसे जबलपुर में साइबर फ्राड के मामले में यह सम्भवतः अब तक का सबसे बड़ा मामला है।

रुपया डूबता नजर आने पर अधारताल थाना पहुंचकर पुलिस को बताया

जबलपुर के रविशंकर तिवारी नामक व्यक्ति ने 50 लाख रुपए का ईनाम पाने के चक्कर में 27.50 लाख रुपए गवां दिए. अपना रुपया डूबता नजर आने पर रविशंकर तिवारी ने अधारताल थाना पहुंचकर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी. जिसपर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरु कर दी है.

HDFC लाइफ कंपनी में अधिकारी के पद पर कार्यरत होना बताया

पुलिस के अनुसार सनसिटी कंचनपुर अधारताल क्षेत्र में रहने वाले रविशंकर तिवारी उम्र 57 वर्ष के मोबाइल पर नवम्बर 2020 में कविता मिश्रा नामक महिला ने फोन कर अपने अपने आप को HDFC लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अधिकारी के पद पर कार्यरत होना बताया. महिला ने कहा कि आपका इंश्योरेंस का प्रीमियम बकाया है. जल्द भुगतान कर दे नहीं तो पॉलिसी बंद हो जाएगी. दो दिन बाद किसी महेश कुमार का फोन आया, उसने कहा कि दिल्ली में HDFC आफिस से बोल रहा हूं. प्रीमियम जमा नहीं किया तो पॉसिली बंद हो जाएगी. रविशंकर अपने परिजनों से मामले को समझते इससे पहले उन्हे कहा गया कि आपको 50 लाख रुपए ईनाम भी मिला है. इसकी प्रोसेसिंग के लिए 5 लाख रुपए जमा करा दे. 50 लाख रुपए मिलने की बात सुनकर रविशंकर ने पांच लाख रुपए जमा कर दिए. इस तरह से ठगों ने प्रोसेसिंग के नाम पर करीब 27.50 लाख रुपए जमा करा लिए.

रविशंकर तिवारी ईनाम की राशि पाने का इंतजार करते रहे. काफी दिन बीतने के बाद जब रविशंकर तिवारी ने मोबाइल फोन पर बात की तो कहा गया कि मामला प्रोसेस में है जल्द ही रुपया मिल जाएगा. रविशंकर तिवारी द्वारा बार-बार फोन किया गया तो उनसे और रुपयों की मांग की जाने लगी। शिकायत जांच में पाया गया कि खाता धारक धर्मेन्द्र पासवान निवासी शॉप नम्बर 23 भदना मार्केट गाजियाबाद के खाता इक्किटास स्माल फायनेंस बैंक द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर ठगी की गई है।

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