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Turkey-Syria Earthquake Being Emotional Mother मां: मलबे के अंदर पैदा हुई नन्‍ही जान, 30 घंटे बाद गर्भनाल काटकर निकाली गई सुरक्षित

Turkey-Syria Earthquake Being Emotional Mother मां: मलबे के अंदर पैदा हुई नन्‍ही जान, 30 घंटे बाद गर्भनाल काटकर निकाली गई सुरक्षित

 

Turkey-Syria Earthquake Being Emotional Mother मां: मलबे के अंदर पैदा हुई नन्‍ही जान, 30 घंटे बाद गर्भनाल काटकर निकाली गई सुरक्षित मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया।

Turkey-Syria Earthquake Being Emotional Mother मां: मलबे के अंदर पैदा हुई नन्‍ही जान, 30 घंटे बाद गर्भनाल काटकर निकाली गई सुरक्षित

बच्ची अभी अस्पताल में

पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है।  बस इतना कि मां ने खुद जान देकर बचा लिया नननही जान को ।

तुर्किये और सीरिया में भूकंप के चलते अब तक 7800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। हजारों की संख्या में अभी भी लोग मलबे के नीचे मौत से जंग लड़ रहे हैं। इन्हें रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है।

रातभर लोग अपनों की तलाश करते रहे। हाथों से मिट्टी हटाते रहे। मलबे के नीचे बड़ी संख्या में लोग जिंदा हो सकते हैं, यही कारण है कि रेस्क्यू टीम को भी काफी संभलकर काम करना पड़ रहा है। 30 हजार से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है। मेडिकल टीम भी है।

इस बीच, भूकंप के कहर की कुछ ऐसी कहानियां सामने आईं, जिसे सुनकर हर किसी का दिल भर आया। आइए एक-एक करके उन कहानियों को जानते हैं…

मलबे के नीचे पैदा हुई बच्ची, जिंदा निकाली गई

ये खबर सीरिया से आई है। यहां मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स को 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया। पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी। वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा। तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया। बच्ची रोने लगी। उसे बाहर निकाला। मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है। बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है। खलील के अनुसार, उनकी भारी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं, लेकिन भूकंप आने के बाद सदमे के चलते उन्होंने मलबे के अंदर ही बच्ची को जन्म दे दिया। करीब 30 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

 

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