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17 जनवरी को 30 साल बाद शनिदेव का कुंभ राशि में गोचर, राशियों पर प्रभाव जानिए

17 जनवरी को 30 साल बाद शनिदेव का कुंभ राशि में गोचर, राशियों पर प्रभाव जानिए

17 जनवरी को 30 साल बाद शनिदेव का कुंभ राशि में गोचर, जानिए सभी 12 राशियों पर प्रभाव क्या होगा। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह हैं. शनिग्रह को आमतौर अशुभ फल और कष्ट देने वाले ग्रह माना जाता है. लेकिन यह धारणा पूरी तरह से सही नहीं है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल होते हैं तो ये उस व्यक्ति के जीवन में हर तरह का सुख प्रदान करते हैं।

शुभ-अशुभ प्रभाव जातकों पर

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि के राशि परिवर्तन करने पर कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती तो कुछ पर से खत्म हो जाती है. शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती ,जबकि कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से धनु राशि वालों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी. शनि के 30 साल बाद कुंभ राशि में गोचर करने से सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा.

मेष राशि- आपकी राशि में शनि का गोचर ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है. कुंडली का ग्यारहवां भाव लाभ और आय का होता है. मेष राशि के जातकों को लिए शनि का गोचर शुभ रहेगा.

वृषभ राशि- आपकी राशि के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और 17 जनवरी को यह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे. शनि का गोचर आपके लिए कई तरह के सफलता दिलाएगा. शनि की शुभ द्दष्टि पूरे साल आपके ऊपर बनी रहेगी.

मिथुन राशि- 17 जनवरी के बाद शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से मिथुन राशि वालों पर चली आ रही शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी. शनि की ढैय्या खत्म होने से आपक सारे रूके हुए काम अब जल्द ही पूरे होंगे. करिययर में अच्छी सफलता मिलेगी. शनिदेव की कृपा आपके ऊपर रहने वाली है.

कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों के लिए शनि का गोचर शुभ नहीं रहेगा. आपको अपनी सेहत को विशेष ध्यान रखना होगा. कार्यक्षेत्र में भी विशेष सतर्कता बरतनी होगी. शनि देव आपकी राशि में आठवें भाव में प्रवेश करेंगे. आपके लिए शनि की ढैय्या शुरू होने की वजह से जीवन में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.

सिंह राशि- आपकी राशि में शनि का गोचर सातवें भाव में हो रहा है. कुंडली के सातवें भाव से दांपत्य जीवन और साझेदारी का विचार किया जाता है. शनिदेव सिंह राशि के लोगों को कई तरह के अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करवाएंगे. दांपत्य जीवन अच्छे से बीतेगा वहीं जिन जातकों का विवाह संबंधी वार्ता चल रही उसमें सफलता प्राप्ति होगी. नए व्यापार के लिए यह समय बहुत ही अनुकूल रहेगा शनि देव की पूरी कृपा रहेगी.

कन्या राशि- कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें और छठे भाव के स्वामी होते हैं. शनि के कुंभ राशि में गोचर से यह आपके छठे भाव को प्रभावित करेंगे. आपके लिए शनि का गोचर शुभ-अशुभ दोनों तरह के परिणाम लेकर आएंगे. कार्यों में सफलता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी.

तुला राशि- शनि का गोचर आपकी राशि के पांचवें भाव में गोचर करेंगे. शनिदेव की विशेष कृपा आपके ऊपर रहेगी. अचानक से धन लाभ होने की संभावना बनेगी. व्यापार करने वाले जातकों को अच्छा मुनाफा मिलेगा जबकि छात्रों के लिए यह गोचर कई तरह के अच्छे अवसरों की प्राप्ति करवाएगा.

वृश्चिक राशि- शनि का गोचर आपकी राशि के चौथे भाव में होगा. शनि के राशि परिवर्तन करने आपके ऊपर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. यह ढैय्या पूरे ढाई सालों तक रहेगी. आपके लिए शनि अशुभ रहेंगे. परेशानियों का सामना इस राशि के जातकों को पड़ेगा.

धनु राशि- शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु राशि के लोगों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी. शनि का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में होगा. शनि आपसे कड़ी मेहतन करवाएंगे जिसका परिणाम शुभ मिलेगा. आपको कई तरह की यात्राएं भी करनी पड़ सकती है.

मकर राशि – शनि का गोचर आपकी राशि के दूसरे भाव में होगा. इसके प्रभाव से आपको आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वाद-विवाद की स्थिति ज्यादा पैदा होगी. नौकरी पेशा जातकों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.

कुंभ राशि- शनि का गोचर 17 जनवरी को आपकी लग्न यानी पहले भाव में होने जा रहा है. शनि के गोचर से आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शूरू होगा. आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. आपको जीवन के लगभग हर एक क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. व्यापार और नौकरी में परेशानियां बढ़ जाएंगी.

(विभिन्न वेब स्त्रोत से ली गई जानकारी की news24you पुष्टि नहीं करता)

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