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पुरस्कार: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई बने पद्मभूषण, जानें उनकी जिंदगी-पढ़ाई और करियर के बारे में सब कुछ

सुंदर पिचाई अल्फाबेट (गूगल) के सीईओ सुंदर पिचाई को भी भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया है। उन्हें भी यह पुरस्कार ट्रेड-इंडस्ट्री कैटेगिरी में दिया गया है। भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदरराजन है। उनका जन्म मदुरै (तमिलनाडु) में 1972 में हुआ था, लेकिन वह चेन्नई में पले-बढ़े। उनकी मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर और पिता रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे।

बतौर प्रोडक्ट मैनेजर की थी पहली नौकरी

1995 में जब सुंदर पढ़ाई के लिए अमेरिका गए, तब आर्थिक तंगी के कारण अपनी हर पुरानी चीज इस्तेमाल कर पैसे बचाए। वह पीएचडी करना चाहते थे, लेकिन हालात ऐसे बने कि उन्हें नौकरी करनी पड़ी। पहली नौकरी सुंदर ने एक कंपनी में बतौर प्रोडक्ट मैनेजर की थी। इसके बाद दूसरी कंपनी में बतौर कंसल्टेंट काम किया। पिचाई ने 1993 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया। उसी साल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिल गई। पिचाई ने वहां से इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली और यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया के व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया। 2004 में गूगल जॉइन करने से पहले सॉफ्टवेयर कंपनी एप्लाइड मैटेरियल्स और मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकेंजी में काम किया था।

पिचाई ने गूगल को दिया था यह सुझाव

अप्रैल 2004 में सुंदर ने गूगल ज्वाइन किया था। गूगल में सुंदर पिचाई पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में दिया गया। यहां उन्हें गूगल के सर्च टूल को बेहतर बनाने और दूसरे ब्राउजर के यूजर्स को गूगल पर लाने का काम दिया गया था। इसी दौरान सुंदर ने कंपनी को सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लॉन्च करना चाहिए।

गूगल क्रोम के लॉन्च में निभाई थी अहम भूमिका

गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने और 2008 में लॉन्च हुए गूगल क्रोम में सुंदर की अहम भूमिका रही। ऐसे काम और अपने आइडिया से वह गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आए। गूगल में प्रोडक्ट चीफ, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम प्रमुख जैसे पदों पर रहने के बाद साल 2015 में उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया गया।

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