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बड़ा फैसला: मध्य प्रदेश में चिकित्सीय तकनीशियनों की होगी संविदा पर भर्ती

प्रदेश में चिकित्सालयीन कार्यों से जुड़े डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र धारक तकनीशियनों को संविदा पर भर्ती करने के कार्य की गति को तेज किया जाएगा

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि प्रदेश में चिकित्सालयीन कार्यों से जुड़े डिप्लोमा, प्रमाण-पत्र धारक तकनीशियनों को संविदा पर भर्ती (Contractual recruitment) करने के कार्य की गति को तेज किया जाए। इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर कार्रवाई करने के लिए कहा। प्रदेश की चिकित्सालयीन सुविधाओं को विस्तारित कर मजबूत बनाने के कार्यों की निरंतरता जारी रहे। चिकित्सालयीन सुविधाओं का स्तर ऐसा हो कि कोई भी व्यक्ति उपचार सुविधा से वंचित नहीं हो।

बता दे कि प्रदेश में 189 प्रमाण-पत्र धारक एनेस्थेटिक तकनीशियन, 3,081 ओ.टी. तकनीशियन और 206 डिप्लोमाधारी एनेस्थेटिक तकनीशियनों को चिन्हित किया गया है। इनकी सूची संलग्न कर समस्त जिलों को उपलब्धता के आधार पर 3 माह के लिए 25 हजार रुपए प्रतिमाह की संविदा पर आवश्यकता अनुसार नियुक्त करने के लिए भेजी गई है।

दरअसल, आज कोरोना कोर ग्रुप के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रयासों की समीक्षा के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है होम आइसोलेशन में उपचाराधीन पॉजिटिव मरीज, जिन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, ऐसे प्रत्येक प्रकरण का अध्ययन कराया जाए। किन कारणों और परिस्थतियों में अस्पताल भेजने की जरुरत पड़ी। इसकी समीक्षा कर होम आइसोलेशन व्यवस्था को प्रभावी बनाने के प्रयास हों।  होम आइसोलेशन में उपचाराधीन पॉजिटिव व्यक्ति को ऑनलाइन चिकित्सकीय मागदर्शन प्रदान करने में देश और विदेश के विभिन्न चिकित्सकों को जोड़ने के प्रयास किए जायें। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए। दूरस्थ अंचलो में कोविड केयर सेंटर की माँग प्राप्त होने पर तत्काल सेंटर शुरु किए जाने की पुख्ता व्यवस्थाएँ बनाई जायें।

सीएम शिवराज सिंह चौहान को बताया गया कि युद्धस्तर पर नवीन ऑक्सीजन प्लान्ट लगाने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 94 नये ऑक्सीजन प्लान्ट सभी जिलों में लग रहे हैं। इसके साथ ही तहसील स्तर पर भी ऑक्सीजन प्लान्ट लगाए जा रहे हैं। ये प्लान्ट 200 से 600 टन तक की क्षमता के हैं। कोविड संक्रमण के दौरान मुसीबत में पड़े मजबूर व्यक्ति का निजी चिकित्सालयों द्वारा शोषण सहन नहीं किया जाएगा।निजी चिकित्सालयों को उपचार सुविधाओं के विस्तार में सरकार द्वारा पूरा सहयोग किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा। लेकिन उन्हें उपचार के लिए मनमानी राशि वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे मामलों में कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में बताया गया कि चिकित्सालयों से डिस्चार्ज होने वालों की संख्या बढ़ी है। दिनांक 4 मई को 1815 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए, जबकि दिनांक 3 मई को 1781 मरीज डिस्चार्ज हुए थे। प्रदेश में सरकारी और निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में 25 हजार 865 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं। इनमें से 12 हजार 65 शासकीय चिकित्सालयों में 81 प्रतिशत और 9,447 निजी अस्पतालों में 87 प्रतिशत बिस्तर ही भरे हैं।

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