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जांच दल ने कि माध्यमिक शाला एन.के.जे.में रसोईयों की मनमानी से स्कूल का माहौल दूषित हो रहा था

 

कटनी /उपनगरीय क्षेत्र न्यू कटनी जंक्सन स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में कार्यरत पूर्व रसोईयों को शाला में गठित एस.एम सी. द्वारा सेवा से पृथक किये जाने के निर्णय को जाँच दल द्वारा जायज ठहराया गया है। चोरी और सीना जोरी तर्ज पर कार्य करने वाली दोनों रसोईयों का कार्य वेहद असंतोष जनक और निरंकुशता से परिपूर्ण था। समस्त शिक्षकों, विद्यार्थियों और शाला प्रबंध कार्यकारणी के सदस्यों द्वारा सेवा से पृथक किये गये रसोइया द्वय का कार्य दायित्वों से परे होने की पुष्टि को बल तब मिला ज़ब विद्यार्थियोंऔर उनके पालकों द्वारा एक स्वर में रसोईयों की बच्चों के प्रति किये जाने वाले दुर्व्यवहार को जाँच दल के सामने बारी बारी से बताया गया।रसोईयों द्वारा स्कूल मेंआकर तथाकथित गैर जिम्मेदाराना पूर्ण कार्य करने, और स्कूल का माहौल बिगाड़ने जैसे कृत्य में सुधार न होने की दशा में अभिभावकों द्वारा स्कूल से अपने बच्चों की टी. सी. लेने पर भी अपनी मज़बूरी जाहिर की गयी थी! प्राप्त जानकारी के मुताबिक एन. के. जे. विद्यालय में एस. एम. सी.के सिफारिस से कार्यरत महिला रसोईया श्रीमति लक्ष्मी रजकऔर नीलम श्रीवास द्वारा विगत जुलाई 2025 से ही विद्यालय से अपने कार्य के प्रति नैरस्यमय रूख अपनाते हुए,संस्था प्रमुख को निरंतर उच्चअधिकारीयों का धौन्स बताकर पूर्णतः निरंकुशपूर्ण ढंग सेअपने कार्य को संपादित करते हुए, शाला की कमियों का वीडिओ बनाकर स्कूल की छवि धूलधूसरित करने में पूरी ताकत से कार्य किया जा रहा था। यही कारण है, कि शाला प्रबंध कार्यकारणी के अध्यक्ष अखिलेश मौर्य और सचिव श्रीमती कविता जैन द्वारा कार्यकारणी की बैठक आयोजित कर स्कूल में अनुशासन और शांतिपूर्ण व्यवस्था को बहाल करने के मकसद से उन्हें शाला से पदच्युत कर उनके स्थान पर दूसरे कर्मचारियों की भर्ती कर बालकेंद्रित हित में निर्णय लिया गया।

झूठी और मनगड़त कहानी रचने में माहिर रसोईयों को ज़ब उन्हें स्कूल से पृथक किया गया, तो उन्होंने अपने आदत के मुताबिक उच्च अधिकारीयों के पास जाकर अपने घड़ियाले आंसुओं के दम पर अधिकारीयों का ह्रदय पसीजने की युक्ति में काफ़ी हद तक सफलता भी प्राप्त कीं।लेकिन हर बार के स्थल निरीक्षण जाँच में झूठ को औन्धे मुंह गिरना स्वभाविक था, अंततः जीत सत्य की ही हुई।

गौरतलब है, कि जिला प्रशासन द्वारा हकीकत को जानने के लिये विद्यालय में तीन तीन बार जाँच दल भेजकर इस समूचे घटनाक्रम की सूक्ष्मता से जाँच कराई गयी। लेकिन हर बार मौके पर जाँच हेतु पहुंचे अधिकारियों द्वारा रसोईयों की करतूत को जानकार आश्चर्यचकित होना पड़ा, कि पूरे विद्यालय में ऐसा कोई विद्यार्थी, शिक्षक, कर्मचारी, अभिभावक और शाला प्रबंध कार्यकारणी का सदस्य उन्हें नहीं मिला जो कि यह कह दे कि रसोईयों का कार्य व्योहार, शाला के प्रति सहयोगात्मक, सेवाभावीऔर उनका आचरण आदर्श था! सभी लोगों द्वारा उनके बहुचर्चित क्रिया कलापों की खुलकर उनके समक्ष ही निंदा करते नजर आये। यही कारण है, कि जनपद शिक्षा केंद्र द्वारा ऐसे रसोइयों को शाला से दूर रखने पर ही शाला का हित निहित है,संबंधी टीप अपने निरिक्षण प्रतिवेदन में अंकित कर जिला प्रशासन को सौंपे।

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