विद्यार्थियों को जैविक खेती प्रशिक्षण दिया गया

कटनी। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशाके अनुरूप विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत कृषि विषय का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए शासकीय आरके गौतम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरवारी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण प्राचार्य संघ रत्न भेलावे के मार्गदर्शन में जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया गया।
प्रशिक्षण में जैविक खेती की आवश्यकता एवं महत्व भूमि एवं मानव स्वास्थ्य तथा पर्यावरण को हो रहे नुकसानकी जानकारी दी गई। कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत ग्राम में उपलब्ध संसाधनों गोबरकचरा फसल अवशेष खरपतवार आदि से जैविक खाद एवं गोमूत्र तथा विभिन्न पत्तियों से कीटनाशक बनाकर फसलों में उपयोग करने के विषय में बतलाया गया। जिससे पैसों की बचत एवं बाजार पर निर्भरता कम होगी। देसी गायकेगोबर एवं गोमूत्र का जैविक खेती में उपयोग की जानकारी दी गई। गोमूत्र से बीज उपचार जैविक कीटनाशक शीघ्र खाद बनाने एवं फसलों में उपयोग की जानकारी दी गई।
केंचुआ खाद बनाने के लिए आई सीनि या फोटिडा केंचुआ कचरा एवं गोबर को 30 से 45 दिन में खाद बना देता है प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल केंचुआ खादका उपयोग फसलों के लिए होता है जिसमें सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं केंचुआ खाद के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता में सुधार जल धारण क्षमता में वृद्धि तथा फसलों में कीट एवं रोग कम लगते हैं फलों सब्जियों एवं अनाजों का उत्पादन बढ़ जाता है पौष्टिक स्वाद रंग एवं आकारअच्छा हो जाता है। केचुआ एवं केंचुआ खाद से वार्षिक आय की जानकारी दी गई जिससे खेती लाभ का धंधा बन सके एवं खेती में लागत कम हो । व्यावसायिक शिक्षण महेंद्र दोहरे ने प्रशिक्षण संपन्न कराने में सहयोग किया।