मध्य प्रदेश में PRO’s ने खंडवा कलेक्टर के खिलाफ की हड़ताल, CM तक के समाचार जारी नहीं हुए

मध्य प्रदेश शासन के सभी जनसंपर्क अधिकारियों ने आज काम बंद हड़ताल की। संख्या में बहुत कम लेकिन संगठित होने के कारण ताकत दिखाई दी।

भोपाल। खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी के विरोध में मध्य प्रदेश शासन के सभी जनसंपर्क अधिकारियों ने आज काम बंद हड़ताल की। संख्या में बहुत कम लेकिन संगठित होने के कारण ताकत दिखाई दी। पूरे प्रदेश में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कोई सरकारी समाचार जारी नहीं किया गया।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के समाचार भी जारी नहीं हुए

जनसंपर्क संचालनालय के अधिकारियों द्वारा हड़ताल पर चले जाने के कारण आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के समाचार भी जारी नहीं हुए। रात 8:30 बजे तक केवल मुख्यमंत्री के सागर दौरे से संबंधित समाचार जारी किए गए थे। सभी जन संपर्क अधिकारी खंडवा कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश के दो दशक के इतिहास में पहली बार ऐसी हड़ताल

मध्य प्रदेश के पिछले दो दशक इतिहास में यह पहली बार है जब एक कलेक्टर के खिलाफ इस प्रकार की हड़ताल हुई कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से लेकर मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टर प्रभावित हुए और जनता को पता तक नहीं चला। यदि यह हड़ताल थोड़ी लंबी चल गई तो मध्यप्रदेश में अफवाहों का बाजार गर्म हो जाएगा। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स होने के बावजूद सरकार के सामने जनता को संभालने का संकट पैदा हो जाएगा।

खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी का सरकारी स्तर पर इतना विरोध क्यों

दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनय द्विवेदी ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाते हुए जनसंपर्क संचालनालय के खंडवा में पदस्थ अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया। केवल इतना ही नहीं श्री द्विवेदी ने जनसंपर्क अधिकारी को तत्काल रिलीफ किया, उनका वाहन छीन लिया और एक डिप्टी कलेक्टर को जनसंपर्क कार्यालय का प्रभार दे दिया। उल्लेखनीय है कि कोई भी कलेक्टर संचालनालय के कर्मचारी अथवा अधिकारी का ना तो ट्रांसफर कर सकता है और ना ही उसकी जगह किसी दूसरे को उसका प्रभार सौंप सकता है। वह केवल कमिश्नर जनसंपर्क संचालनालय से सिफारिश कर सकता है।

संभागीय कमिश्नर ने PRO को बहाल करके इंदौर भेजा

खबर आ रही है कि खंडवा संभागायुक्त डॉ.पवन कुमार शर्मा ने खंडवा के जनसंपर्क अधिकारी बृजेन्द्र शर्मा को आज बहाल कर दिया है बहाली के पश्चात उनकी पदस्थापना इंदौर कार्यालय में रखी गई है। बड़ा प्रश्न यह है कि जब कलेक्टर को सस्पेंड करने का अधिकार नहीं है तो फिर संभागीय कमिश्नर को बहाल करने का अधिकार कहां से मिला। संचालनालय के क्षेत्राधिकार में जिला कलेक्टर और संभागीय कमिश्नर किस प्रकार का हस्तक्षेप कर सकते हैं।

 

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