जबलपुर में सामने आया ‘व्हाइट फंगस’ का मामला, मध्यप्रदेश में पहला मरीज

व्हाइट फंगस का दवाओं से उपचार हो जाता है और ब्लैक फंगस की तरह इंजेक्शन देने की जरूरत नहीं पड़ती है। दोनों अनियंत्रित मधुमेह के स्तर वाले लोगों को प्रभावित करते हैं।

मध्यप्रदेश के जबलपुर में 55 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 से ठीक होने के बाद ‘व्हाइट फंगस’ संक्रमण का पता चला है। माना जा रहा है कि संभवत: इस बीमारी का प्रदेश में यह पहला मामला सामने आया है। प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की नाक, कान एवं गला विभाग की प्रमुख डॉ कविता सचदेवा ने बताया कि सिर दर्द और आंखों का दर्द कम नहीं होने पर 17 मई को इस व्यक्ति का ऑपरेशन किया गया था।
शुक्रवार को एक जांच में उसकी नाक में व्हाइट फंगस के संक्रमण का पता चला है। इस बीच, मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) के 650 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। यह एक खतरनाक संक्रमण है जो कि कोविड-19 के मरीजों तथा इससे ठीक हो चुके लोगों में पाया जा रहा है।
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